सुन्नी सूफी ऊलमा का फैसला, उठाया जायेगा इंकलाबी कदम।
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सुन्नी सूफी ऊलमा का फैसला, उठाया जायेगा इंकलाबी कदम। |
बरेली:- अयोध्या मुद्दे पर मुस्लिम सगंठनो की अलग-अलग मीटिंगों का दौर चल रहा है, इसी संदर्भ में आल इंडिया तन्जी़म ऊलमा-ए-इस्लाम ने दरगाह हज़रत निज़ामुद्दीन दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया जिसमें विभिन्न राज्यों से आये हुए ऊलमा, बुद्धिजीवी और स्कार्लस ने भाग लिया। मीटिंग की अध्यक्षता (Grand Mufti of India)ग्राडं मुफ्त़ी आफ इडिया अल्लामा शेख़ अबुवक्र अहमद मलवारी(केरला) ने की।
मीटिंग में जो प्रस्ताव पास किये गये उसकी जानकारी देते हुए तन्जी़म के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने बताया कि अयोध्या की 400 साला इतिहासी बाबरी मस्जिद को असमाजिक तत्वों ने 6 दिसम्बर 1992 को शहीद कर दिया था, उस दिन पुरे मुल्क में सैकड़ों दंगे हुए, हज़ारों लोगों की जाने गयी, करोड़ों रूपये का माली नुकसान हुआ था मगर इसके विपरीत 9 नवम्बर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने अपना आखरी फैसला सुनाते हुए राम मन्दिर के हक मे निर्णय दे दिया, देश के मुसलमानों ने सब्र, सुकून और बरदास्त का एक विश्व व्यापी नमुना व मिसाल कायम कर दी है। देश का मुसलमान वेपनाह तारीफ के लायक है इससे बहु- सख्याक के दिलो में भाईचारा बनाने और समप्द्रायिक सोहार्द कायम करने में मदद मिलेगी।
मीटिंग में महत्वपूर्ण निर्णय लिये जो निम्नलिखित हैं।
1. रीव्यू पटीशन में जाने की आवश्यकता नहीं है। चूकिं इस तरह के फैसलो में किसी को भी रीव्यू पटीशन में कामयाबी नहीं मिली इसलिए हम सुन्नी सैन्टरल वक्फ बोर्ड लखनऊ और बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अन्सारी के फैसले से सहमत हैं और ताईद करते हैं।
2. 5 एकड़ जमीन को ले लिया जाना चाहिए उस जगह पर आलीशान इस्लामिक सेंटर, मुस्लिम बच्चों के एजुकेशन और दिगर फलाही व रीफाही ( जन कल्याण) कामो के लिए इस्तेमाल किया जाये।
3. देश में मुसलमानों की तालीमी, आर्थिक और समाजिक सुधार के ऐजेंडे पर काम किया जाये। इस संदर्भ में तमाम मुस्लिम सगंठनो, दरगाहों, ऊलमा और बुद्धिजीवीयों को मुतवाज्जे (ध्यान) किया जाये।
4. पीछडे़ जिलो की पहचान करके मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में इग्लिंश मीडियम के पब्लिक स्कूल खोले जाये जिससे कौम कि नयी नस्ल अपने पैरों पर आसानी से खडी हो सके।
5. कादियानी फिरके की बडत को रोकने के लिए मुबल्लेगीन (प्रचारक) की टीम तैयार की जायेगी उनको वहा भेजा जायेगा जहाँ पर कादियानी फिरके का जोर है।
6. पुरे देश में 10 लाख पेड़ लगाये जायेगे जिसकी शुरुआत हो चुकी है।
बैठक में मुख्य रूप से मुफ्त़ी गुलाम रसुल, मुफ्त़ी अब्दुल वाजिद, मुफ्त़ी असरारूल हक़, कारी सगीर अहमद, पीर सय्यद जावेद मियां, डॉ गुलाम याहया (दिल्ली), मुफ्त़ी उमर अशफाकी़, मुफ्त़ी शाकीर कादरी (राजिस्थान), मौलाना सरफुद्दीन, मौलाना अब्दुस सलाम (कर्नाटक), मुफ्त़ी फारूक आलम (पंजाब), मुफ्त़ी सादिक रज़ा (हरियाणा), मौलाना सलीम रज़ा, कारी अब्दुल वारीस, हाफिज वासिर अली, मुफ्त़ी इन्साफ रज़ा, मुफ्त़ी रईसउद्दीन, मुफ्त़ी ईसा रज़वी, मौलाना अब्दुल जलील निज़ामी (उत्तर प्रदेश), कलीम लवीव (तमिलनाडु), मोईनुद्दीन (मनीपुर), मुफ्त़ी सादिक सका़फी़, मौलाना नौफल नुरानी, शाफेए शाफाई (केरला) आदि ने शिरकत की।
Bht khoob
ReplyDeleteShukriya
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